धरती की महज 0.00025% जमीन के लिए इस्राइल-गाजा पट्टी में रक्तपात? भौगोलिक जटिलता समझिए
धरती की महज 0.00025% जमीन के लिए इस्राइल-गाजा पट्टी में रक्तपात? भौगोलिक जटिलता समझिए

इंडिया न्यूज़ : इस्राइल का कहना है कि आतंकी हमास संगठन हमास ने रॉकेट से अंधाधुंध हमले कर माफ न की जाने वाली हिमाकत की है। हमास के अनुसार, इस्राइल के दमन का बदला लेने के लिए संगठन कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। दोनों पक्षों के दावों के बीच पश्चिमी एशिया (मध्य पूर्व) में भीषण रक्तपात हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल में हिंसा के कारण 1300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2200 से अधिक घायल हुए हैं। आंकड़े में आम नागरिकों के साथ इस्राइली सैनिक और हमास के आतंकी भी शामिल हैं।
लोग लड़ाई की वजह अल-अक्सा मस्जिद परिसर से जुड़ी घटनाओं को बताते हैं :
विचलित करने वाले आंकड़ों और युद्ध के भयावह मंजर के बीच समझना अहम है कि लड़ाई का मूल कारण क्या है। कुछ लोग लड़ाई की एक वजह अल-अक्सा मस्जिद परिसर से जुड़ी घटनाओं को बताते हैं। आस्था आहत होने की आड़ में हमास इस्राइल से बदला लेने की बात करता है। उसका दावा है कि इस्राइल की पुलिस ने पवित्र अल-अक्सा मस्जिद में तोड़-फोड़ की। दो एकड़ में फैले इस परिसर में तीन धर्मों के लोगों की आस्था से जुड़े बड़े केंद्र हैं। यहूदी वेलिंग वॉल के प्रति आस्था रखते हैं। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग परिसर में बने चर्च में जाते हैं।
पूरी धरती का छोटा सा टुकड़ा रक्तपात की जड़ :
धार्मिक पहलू को अलग रखते हुए बात अगर भौगोलिक नजरिए से करें तो इस्राइल का क्षेत्रफल- 22,145 वर्ग किलोमीटर है। फलिस्तीन का क्षेत्रफल- 6020 वर्ग किलोमीटर है, जबकि गाजापट्टी का क्षेत्रफल- 363 वर्गकिमी है। पूरी धरती का क्षेत्रफल– 14,83,26,000 वर्ग किमी है। बाकी धरती का लगभग 70 फीसद भाग जलमग्न है। ऐसे में अगर औसत निकाला जाए तो साफ होता है कि इस्राइल में जो हिंसा हो रही है, उसकी एक वजह जमीन का टुकड़ा है, जिसका क्षेत्रफल 0.00025 फीसद है।
गाजा पट्टी को लेकर क्यों हो रही है लड़ाई :
इतनी बड़ी धरती का एक टुकड़ा इस्राइल है। गाजा पट्टी केवल 41 किलोमीटर का इलाका है। 10 किलोमीटर चौड़ी इस जगह पर फलिस्तीन दावा करता है, लेकिन इस्राइल का कहना है कि यहां आतंकी ठिकाने हैं, जहां से हमास ऑपरेट करता है। गाजा पट्टी पर कब्जे की लड़ाई में इस्राइल सेना के लिहाज से मजबूत है। हमास के हमलों की निंदा करते हुए भारत में फलिस्तीन राजदूत ने कहा कि लोगों को इस्राइल के दमन पर भी बातें करनी चाहिए। उन्होंने 250 से अधिक लोगों की हत्या के आरोप लगाए। राजनीतिक रूप से अहम फलिस्तीन के साथ बड़े देश नहीं दिखाई देते। ठोस राजनीतिक अस्तित्व के अभाव में ये लड़ाई और जटिल बन गई है
दशकों पुरानी लड़ाई,गाजा पट्टी की आबादी लगभग 20 लाख :
आसान शब्दों में समझें तो गाजा पट्टी जमीन का वह टुकड़ा है जिसके लिए कई दशकों से इस्राइल और फलिस्तीन के बीच लगातार टकराव हो रहा है। भूमध्य सागर के किनारे बसा इस्राइल गाजा पट्टी को लेकर बेहद आक्रामक रहा है। ये भूभाग मिस्र और इस्राइल के बीच है। अनुमान के मुताबिक गाजा पट्टी में 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं। गाजा पट्टी पर फलिस्तीनी लोग रहते हैं। बड़ी संख्या में शरणार्थी भी यहां रहते हैं। 1948 में इस्राइल के अस्तित्व में आने के बाद हुई लड़ाई के कारण बड़ी संख्या में जान बचाकर भागे लोग गाजा पट्टी में रहते हैं। फलिस्तीनी क्षेत्रों में गाजा पट्टी के अलावा इस्राइल के कब्जे वाले वेस्टबैंक को भी गिना जाता है।
गाजा पट्टी पूरी धरती का कितना हिस्सा है?
बात इतिहास की करें तो फलिस्तीन समेत कई मुस्लिम देश इस्राइल को यहूदी राष्ट्र नहीं मानते। 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फलिस्तीन को यहूदी और अरब देश बना दिया। इस्राइल के साथ टकराव इसी समय से जारी है। टकराव का इतिहास 75 साल से अधिक पुराना है। फलिस्तीन का कहना है कि उसे अलग देश के तौर पर मान्यता मिलनी चाहिए। दूसरा अहम मुद्दा गाजा पट्टी पर कब्जे का है, जो पूरी धरती के भूभाग का केवल 0.00025 फीसद है।
इस्राइल के विनाश की सनक लिए हमास के आतंकी :
1967 के युद्ध के बाद से गाजा पट्टी पर इस्राइल का कब्जा रहा। 25 साल बाद दिसंबर, 1987 में फलिस्तीनियों के बीच हिंसक झड़प हुई। 17 साल के बाद, सितंबर 2005 में अशांत माहौल के मद्देनजर इस्राइल ने इलाका छोड़ने का फैसला लिया। इस्राइल ने गाजा पट्टी फलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपने के बाद भी इलाके की निगरानी जारी रखी। हालांकि, 2007 से ही गाजा पट्टी पर आतंकी संगठन हमास का शासन है। हमास इस्राइल के साथ वार्ता और शांति प्रक्रिया के पक्ष में नहीं है। इस्राइल के विनाश की सनक लिए हमास के आतंकी पिछले कई साल से रॉकेट से हमले करते रहे हैं, लेकिन 20 मिनट में 5000 रॉकेट का हमला अब तक का सबसे भयानक बताया जा रहा है
संवेदनशील पश्चिमी एशिया में गाजा पट्टी पर लड़ाई :
पूरे ब्यौरे का सार समझें तो कहा जा सकता है कि पश्चिमी एशिया में लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और मिस्र जैसे देशों से घिरे इस्राइल और फलिस्तीन राजनीतिक और सामरिक तौर पर काफी संवेदनशील इलाके हैं। लेकिन फिलहाल जो हिंसक संघर्ष हो रहा है उसका एक प्रमुख आधार पूरी धरती का केवल 0.00025 फीसद या 41 किलोमीटर लंबा भूभाग- गाजा पट्टी है।